बिहार सरकार ने तय की यूरिया, डीएपी, एमओपी और एसएसपी की जरूरतें

बिहार के उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने कृषि भवन में फर्टिलाइजर मैन्युफैक्चरिंग और सप्लायर कम्पनियों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान उप मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग और किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने खरीफ 2025 मौसम के लिए राज्य के लिए खाद की आवश्यकता का निर्धारण किया है. इस बैठक में कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल भी मौजूद रहे. उप मुख्यमंत्री ने कहा कि अप्रैल से सितम्बर तक यूरिया, डीएपी, एमओपी, कॉम्पलेक्स और एसएसपी की कुल जरुरत क्रमशः 10 लाख 32 हजार, 2 लाख 20 हजार, 50 हजार, 2 लाख 50 हजार और 75 हजार मीट्रिक टन है.
उन्होंने सभी फर्टिलाइजर मैन्युफैक्चरिंग और सप्लायर कंपनी के पदाधिकारियों को खाद की आपूर्ति समय पर करने के लिए निर्देश दिया. उन्होंने खरीफ, 2024 और रबी 2024-25 मौसम में विभिन्न फर्टिलाइजर मैन्युफैक्चरिंग और सप्लायर कंपनियों के द्वारा किए गए आपूर्ति और खपत के संबंध में जानकारी ली.
रैक पॉइंट को नोटिफाइड करने का निर्देश
विजय सिन्हा ने बताया कि राज्य के 7 जिलों- अरवल, बांका, गोपालगंज, लखीसराय, शेखपुरा, सुपौल और शिवहर में रैक पॉइंट अधिसूचित (नोटिफाइड) नहीं है. लखीसराय के लिए क्यूल रैक पॉइंट को नोटिफाइड करने के लिए भारत सरकार से अनुरोध किया गया है. उन्होंने बांका, गोपालगंज, सुपौल के लिए रैक पॉइंट नोटिफाइड करने के लिए भारत सरकार को अनुरोध करने के लिए निर्देश दिया है.
वहीं सभी फर्टिलाइजर मैन्युफैक्चरिंग और सप्लायर कंपनियों को राज्य में नोटिफाइड सभी रैक पॉइंट से खाद की सप्लाई सुनिश्चित करने और राज्य के सभी जिलों में विक्रेता बहाल करने का निर्देश दिया गया. उप मुख्यमंत्री ने सभी फर्टिलाइजर कंपनियों की थोक विक्रेता और खुदरा उर्वरक विक्रेता को दी जा रही परिवहन की राशि की समीक्षा भी की. वित्तीय वर्ष 2024-25 में थोक खाद विक्रेता और खुदरा खाद विक्रेता को दी गई परिवहन की राशि का रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया.
परिवहन राशि की रिपोर्ट करें पेश
उन्होंने निर्देश दिया कि राज्य के सीमावर्ती राज्य, जैसे उत्तरप्रदेश, झारखंड और पश्चिमी बंगाल तथा इसके अलावा मध्यप्रदेश में खाद के परिचालन पर दिए जाने वाले परिवहन की राशि की जानकारी प्राप्त की जाए. इसके बाद इसकी रिपोर्ट तैयार कर आवश्यक संशोधन के लिए उर्वरक विभाग, भारत सरकार से अनुरोध किया जाए.
किसानों को मिले पूरी जानकारी
उप मुख्यमंत्री ने फर्टिलाइजर कंपनियों द्वारा खाद के साथ एफसीओ/नन एफसीओ प्रोडक्टस की बिक्री की समीक्षा की. सभी कंपनियों के प्रतिनिधियों को निर्देशित किया गया कि किसी भी परिस्थिति में किसानों को खाद के साथ अन्य उत्पाद की टैगिंग कर बिक्री नहीं किया जाय. उन्होंने कहा कि राज्य में आपूर्ति किए जाने वाले उर्वरक के उपयोगिता के संबंध में विस्तृत जानकारी का बैनर सभी खुदरा उर्वरक विक्रेता के प्रतिष्ठान पर लगाए जाएं. ताकि किसानों को जानकारी सुलभ हो सके.
वहीं सभी कंपनियों के प्रतिनिधि और विक्रेताओं का प्रशिक्षण और समीक्षा बैठक आयोजित किए जाने के लिए निर्देशित किया गया है. राज्य के सीमावर्ती जिले में खाद के परिचालन पर विशेष निगरानी रखने का भी निर्देश दिया गया.
सही समय और मूल्य पर मिले खाद
उप मुख्यमंत्री ने सभी फर्टिलाइजर कंपनियों के पदाधिकारियों को साफ तौर पर कहा कि राज्य के सभी जिलों में खाद सही समय और मूल्य पर किसानों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए. साथ ही शिकायत मिलने पर गंभीरता के साथ कार्रवाई की जाए. राज्य में ऐसे उर्वरक विक्रेता जो कई वर्षों में खाद का क्रय विक्रय नही कर रहे हैं उन्हें चिन्हित कर नियमानुसार कार्रवाई की जाय. जरुरत पड़ने पर नए उर्वरक विक्रेताओं को ऑथराइजेशन लेटर उपलब्ध कराया जाए.